द्वार तेरे माँ जो आए मंगिया मुरा पा गया

द्वार तेरे माँ जो आए,मंगिया मुरादान पा गए,बस्ती रहे माँ विच जंगला तेराचानण जग विच छा गया——2

सुख दे नाल हजारो मुईयां दुख में ना कोईसाथी है सुख विच तैनु भूली जांदे, दुःख विच कैहदे दाती है।
अमर रहे तेरा ध्यान भगत चरणो में शीश झुका गए। वस्ती रहे माँ विच जंगला तेरा चानण जग विच छा गया।।

द्वार तेरे माँ जो आए, मंगिया मुरादान पा गए,बस्ती रहे माँ विच जंगला तेरा चानणजग विच छा गया…..

बुझदीयाँ जोता जगा, मेरी मईयां तु ही शेराबाली है- ओ मईया तु ही हॉटा वाली है ।
द्वारे तेरे दा क्या कैहणा, जेड़ा अकबर शीश झुका गया ,वस्दी रहे माँ विच जंगला तेरा चानण जग विच छा गया ।।

द्वार तेरे माँ जो आए, मंगिया मुरादान पा गए,बस्ती रहे माँ विच जंगला तेरा चानण जग विच छा गया…..

खिलेया फूल गुलाब दा जेड़ा भंवरा उढी-उढी पैंदा है जिसदे मन विच गम हो मईयां सीना फड-फड पैंदा है ।
खिलेया फूल गुलाब दा जेढा हवा विन मुरझा गया। वस्दी रहे माँ विच जंगला तेरा चानण जगविच छा गया।।

द्वार तेरे माँ जो आए, मंगिया मुरादान पा गए,बस्ती रहे माँ विच जंगला तेरा चानण जग विच छा गया…..

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