बस गए बस गए बस गए राम…
मेरे मन बस गए सीताराम…
- राजा दशरथ के चार पुतर थे
भरत, शत्रुघ्न, लक्ष्मण, राम…
मेरे मन बस गए सीताराम…
बस गए बस गए बस गए राम…
मेरे मन बस गए सीताराम…
- मिथिलापुरी में धनुष तोड़ा
जनकनंदिनी से नाता जोड़ा…
कितनी सुंदर जोड़ी मेरे राम…
मेरे मन बस गए सीताराम…
बस गए बस गए बस गए राम…
मेरे मन बस गए सीताराम…
- राजतिलक की हुई तैयारी
माता कैकयी ने बात बिगाड़ी…
चौदह वर्ष वन को गए राम…
मेरे मन बस गए सीताराम…
बस गए बस गए बस गए राम…
मेरे मन बस गए सीताराम…
- ताड़का वन में ताड़का मारी
गौतम नारी अहिल्या तारी…
वो भी बोले जय सियाराम…
मेरे मन बस गए सीताराम…
बस गए बस गए बस गए राम…
मेरे मन बस गए सीताराम…
- पंचवटी में कुटिया बनाई
सूर्पनखा की नाक उड़ाई…
खर दूषण को मारे मेरे राम…
मेरे मन बस गए सीताराम…
बस गए बस गए बस गए राम…
मेरे मन बस गए सीताराम…
- साधु के वेश में रावण आया
सीता मां को हर ले आया…
कुटिया सूनी पड़ी मेरे राम…
मेरे मन बस गए सीताराम…
बस गए बस गए बस गए राम…
मेरे मन बस गए सीताराम…
- वन वन ढूंढा, वन वन छाना
वहां पर मिल गए वीर हनुमाना…
बिगड़े बन गए सारे काम…
मेरे मन बस गए सीताराम…
बस गए बस गए बस गए राम…
मेरे मन बस गए सीताराम…